Cyclone Montha अलर्ट: सेना हाई अलर्ट, असर व तैयारी

Cyclone Montha Impact, Named By Whom and the Cities at Risk

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भारत इन दिनों दोतरफा मौसमीय दबाव का सामना कर रहा है—एक ओर पूर्व-मध्य अरब सागर में बना सिस्टम समुद्री हालात बिगाड़ रहा है, तो दूसरी ओर दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के ऊपर विकसित प्रणाली अगले 48 घंटों में Cyclone Montha के रूप में तीव्र होने की कगार पर है। भारतीय सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) व संबंधित राज्य सरकारें स्थिति पर लगातार नज़र बनाए हुए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक़ तूफान की अधिकतम रफ़्तार 110 किमी/घंटा तक जा सकती है।

अभी क्या हो रहा है?

  • बंगाल की खाड़ी: दक्षिण-पूर्वी हिस्से में बना गहरा दबाव तेजी से संगठित हो रहा है। अगली 24–48 घंटों में इसके साइक्लोनिक स्टॉर्म और फिर सीवियर साइक्लोनिक स्टॉर्म बनने की आशंका जताई गई है। मॉडल संकेत दर्शाते हैं कि सिस्टम उत्तर–उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ते हुए आंध्र प्रदेश तट की ओर रुख कर सकता है।

  • अरब सागर: पूर्व-मध्य अरब सागर में बना डिप्रेशन पश्चिम की ओर सरक रहा है, जिससे केरल, कर्नाटक तट और लक्षद्वीप क्षेत्र में समुद्र उग्र बना हुआ है। मत्स्य नौकाओं को तट से बाहर न जाने की सलाह है।

  • अलर्ट मोड: तटीय जिलों में स्कूल-कॉलेजों पर एहतियाती छुट्टियाँ, निचले इलाक़ों से आंशिक प्री-एम्प्टिव निकासी, और बचाव दलों की प्री-पोज़िशनिंग शुरू हो चुकी है।

Cyclone Montha कितनी ताक़त पकड़ सकता है?

आमतौर पर बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम अक्टूबर–नवंबर के दौरान गर्म समुद्री सतह (सी-सर्फ़ेस टेम्परेचर) और अनुकूल विंड-शियर के कारण तेज़ी से तीव्र होते हैं। वर्तमान संकेत बताते हैं कि:

  • हवा की गति 90–100 किमी/घंटा, झोंकों में 110 किमी/घंटा तक पहुँचने की संभावना है।

  • तटीय आंध्र प्रदेश, दक्षिण ओडिशा और आसपास के इलाक़ों में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा (कुछ स्थानों पर 200 मिमी+ प्रतिदिन) हो सकती है।

  • समुद्री लहरें ऊँची होंगी, जिससे तूफ़ानी ज्वार (Storm Surge) वाले तटीय हिस्सों में पानी भराव का खतरा रहेगा।

कौन-कौन से इलाक़े सबसे ज़्यादा प्रभावित हो सकते हैं?

  1. तटीय आंध्र प्रदेश: काकीनाडा, मछलीपट्टनम, पूर्व/पश्चिम गोदावरी, अनकापल्ली, विशाखापट्टनम—भारी वर्षा, तेज़ हवाएँ और समुद्र में ऊँची लहरें।

  2. दक्षिण ओडिशा: गोपालपुर से लगे तटीय व आंतरिक जिलों में तेज़ बारिश; छोटी नदियों/नालों में उफान और निम्न-स्तरीय क्षेत्रों में जलभराव की आशंका।

  3. उत्तर तामिळनाडु–पुडुच्चेरी के कुछ हिस्से: उत्तर-पूर्वी मॉनसून की सक्रियता के साथ बारिश के तीव्र दौर।

  4. अरब सागर से लगे राज्य: केरल, कर्नाटक व लक्षद्वीप—समुद्र उग्र; मछुआरों को सख़्त परहेज़ की सलाह।

सेना, NDMA और राज्य प्रशासन की तैयारी

  • हाई अलर्ट और को-ऑर्डिनेशन: सेना के डिज़ास्टर रिस्पॉन्स कॉलम (DRCs) स्टैंड-बाय पर हैं। संयुक्त नियंत्रण कक्षों में IMD, NDMA और राज्य आपदा प्राधिकरणों के साथ लाइव को-ऑर्डिनेशन जारी है।

  • ग्राउंड-एक्शन प्लान: संवेदनशील तटीय गाँवों की मैपिंग, अस्थायी एवैक्यूएशन शेल्टर, बिजली व संचार का बैक-अप, चिकित्सा टीमें और त्वरित-राहत सामग्री (टारपॉलिन, ड्राई-रैशंस, पेयजल, बेडिंग) की प्री-पोज़िशनिंग।

  • लक्ष्य:ज़ीरो लॉस ऑफ़ लाइफ़”—मानव जीवन की सुरक्षा सर्वोपरि; संपत्ति-नुकसान को न्यूनतम रखने पर ज़ोर।

मछुआरों और समुद्री गतिविधियों के लिए सख़्त चेतावनी

  • अगले 48 घंटों तक समुद्र में बिल्कुल न जाएँ

  • तटीय सैर-सपाटा, जेट्टी या ब्रेकवॉटर पर खड़े होकर फोटो/वीडियो बनाने से बचें—अचानक उछलती लहरें और तेज़ झोंके जोखिम भरे हैं।

  • जो नावें/ट्रॉलर्स समुद्र में हैं, उन्हें नज़दीकी सुरक्षित बंदरगाह/जेट्टी पर तुरंत शेल्टर लेना चाहिए।

शहरी व ग्रामीण असर: क्या-क्या प्रभावित हो सकता है?

  • शहरी इलाक़े: भारी बारिश से वॉटर-लॉगिंग, पेड़ व खंभे गिरने, ट्रैफ़िक जाम और बिजली बाधित होने की आशंका। तटीय कस्बों में समुद्री जल का घुसाव (Sea Water Ingress) सम्भव।

  • ग्रामीण/खेती: धान कटाई वाले क्षेत्रों में लॉजिंग (फसल का गिरना) और कटे-पड़े दानों का नुकसान; सब्ज़ी/बागवानी में जलभराव से सड़न का खतरा। खेतों की ड्रेन-आउट व्यवस्था पहले से दुरुस्त रखें।

  • बंदरगाह/मत्स्य ढांचा: फिशिंग हार्बर, आइस-प्लांट, जेट्टी और बाज़ारों में तेज़ हवाओं व ऊँची लहरों से संरचनात्मक नुकसान का जोखिम; संचालन सीमित रह सकता है।

  • परिवहन: कुछ रेल/बस सेवाओं का रीरूटिंग या अस्थायी स्थगन; उड़ानों में देरी/रद्दीकरण सम्भव—यात्रा से पहले स्थिति जाँच लें।

आपके लिए काम की तैयारी–चेकलिस्ट (तटीय/निम्न इलाक़ों के लिए)

  1. इमरजेंसी किट: टॉर्च, अतिरिक्त बैटरियाँ/पावरबैंक, कम से कम 3 दिन का पीने का पानी, ड्राई-फूड, बुनियादी दवाएँ, बच्चों/बुज़ुर्गों की ज़रूरी औषधि।

  2. ज़रूरी दस्तावेज़: पहचान पत्र, बैंक/बीमा कागज़ात, मकान-सम्बंधी कागज़—पॉलीथिन/वॉटरप्रूफ फोल्डर में रखें।

  3. घर की सुरक्षा: ढीले शेड/टिन की छत, सैटेलाइट डिश, गमले, होर्डिंग—सब हटाएँ/मजबूत करें; खिड़कियों/काँच पर टेप या प्लाई लगाएँ।

  4. बिजली/पानी: बाढ़-जोखिम वाले घरों में मुख्य MCB ऑफ़ रखने की तैयारी करें; पीने के पानी के ड्रम/बोतलें भर लें।

  5. कम्युनिकेशन प्लान: परिवार/पड़ोस का सेफ़्टी ग्रुप बनाएँ; आपातकालीन नंबर (हेल्पलाइन, पुलिस, एम्बुलेंस, फायर) लिखकर/सेव कर रखें।

  6. वाहन/पशुधन: वाहनों को ऊँचे/सुरक्षित स्थान पर पार्क करें; पशुधन को बाँधकर शेड में रखें, चारे-पानी की व्यवस्था रखें।

  7. एवैक्यूएशन पर फोकस: प्रशासन की अपील मिलते ही विलंब न करें। घर से निकलते समय गैस/बिजली ऑफ़ करें, आवश्यक सामान और दस्तावेज़ साथ लें।

  8. फेक न्यूज़ से बचें: केवल आधिकारिक मौसम बुलेटिन/सरकारी अपडेट को मानें; अपुष्ट संदेशों को फॉरवर्ड न करें।

Montha नाम कैसे मिला?

हिंद महासागर क्षेत्र के लिए Cyclone का नाम पहले से निर्धारित सूची से लिया जाता है। जब किसी सिस्टम की हवा की गति 62 किमी/घंटा के पार जाकर साइक्लोनिक स्टॉर्म स्तर पाती है, तब उसे सूची के क्रम में अगला नाम दिया जाता है। Montha उसी सूची में शामिल नाम है।

अगले 48 घंटे: क्या उम्मीद रखें?

  • आज (सोमवार) और कल (मंगलवार) सबसे अहम समय-खिड़की है।

  • तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा में भारी से अत्यधिक भारी बारिश, साथ ही 90–100 किमी/घंटा (झोंकों में 110) तक हवा—तटीय और निम्न-स्तरीय इलाक़े विशेष सावधानी बरतें।

  • अरब सागर की तरफ़ केरल, कर्नाटक और लक्षद्वीप के लिए समुद्र उग्र; मछली पकड़ने व पर्यटन नौकायन पर सख़्त रोक की सलाह।

प्रशासन क्या कर रहा है?

  • रेड/ऑरेंज अलर्ट के अनुसार ज़िला-स्तरीय कंट्रोल रूम सक्रिय।

  • संवेदनशील तटीय बस्तियों की पूर्व-निकासी, राहत-शिविरों की पहचान और आवश्यक सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित।

  • सड़क/बिजली/टेलीकॉम टीमों को रैपिड-रिस्पॉन्स मोड पर रखा गया है ताकि गिरते पेड़/खंभे, जलभराव और लाइन फॉल्ट्स को तुरंत दुरुस्त किया जा सके।

  • स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल टीमें, एम्बुलेंस नेटवर्क और ब्लड-स्टोरेज यूनिट्स को हाई-रेडीनेस पर रखा गया है।

संक्षेप में

  • फ़ोकस क्षेत्र: तटीय आंध्र, दक्षिण ओडिशा, उत्तर तामिळनाडु-पुडुच्चेरी; साथ ही अरब सागर किनारे के राज्य समुद्री उथल-पुथल के लिए सतर्क रहें।

  • मुख्य जोखिम: तेज़ हवाएँ, अत्यधिक वर्षा, तूफ़ानी ज्वार, शहरी जलभराव, पेड़/खंभे गिरना, बिजली व संचार बाधित।

  • आपकी रणनीति: घर-परिवार की सुरक्षा, इमरजेंसी किट, सही सूचना चैनल, और प्रशासन के निर्देशों का पालन—यही सबसे असरदार मंत्र है।

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