हर साल 4 दिसंबर को भारत में Indian Navy day मनाया जाता है। इस दिन हम समुद्र में ड्यूटी देने वाले अपने नौसैनिक योद्धाओं के साहस, अनुशासन और बलिदान को सम्मान देते हैं। पूरे देश की ओर से उन जवानों और अधिकारियों को “धन्यवाद” कहा जाता है जो घर–परिवार से दूर रहकर भारत की लंबी समुद्री सीमा और समुद्री व्यापार मार्गों की सुरक्षा करते हैं।
Indian Navy day सिर्फ कैलेंडर की एक तारीख नहीं है। यह 1971 की ऐतिहासिक नौसैनिक जीत, भारतीय नौसेना की निरंतर मेहनत और एक मज़बूत समुद्री शक्ति के रूप में भारत के बढ़ते प्रभाव की याद दिलाता है।
Indian Navy day क्या है?
Indian Navy day वह दिन है जब भारत आधिकारिक रूप से भारतीय नौसेना की उपलब्धियों, शक्ति और भूमिका का उत्सव मनाता है। यह हर साल 4 दिसंबर को मनाया जाता है
सरल शब्दों में:
Indian Navy day भारत का खास दिन है, जब देश अपनी नौसेना को समुद्रों की रक्षा करने और युद्ध व शांति दोनों समय में राष्ट्र का साथ देने के लिए सलाम करता है।
Indian Navy day पर हम:
- उन बहादुर नाविकों और अधिकारियों को याद करते हैं जिन्होंने देश के लिए अपनी जान न्यौछावर कर दी।
- 1971 के समुद्री युद्ध जैसी ऐतिहासिक जीतों का जश्न मनाते हैं।
- जहाज़ों की प्रदर्शनी, एयरक्राफ्ट शो और परेड के ज़रिए देश को नौसेना की ताकत दिखाते हैं।
- आम जनता और विद्यार्थियों में समुद्रों के महत्व और समुद्री सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाते हैं।
Indian Navy day 4 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है?
Indian Navy day को 4 दिसंबर को मनाने का मुख्य कारण है ऑपरेशन ट्राइडेंट (Operation Trident) – जो 1971 के इंडो–पाक युद्ध के दौरान किया गया एक साहसिक और बेहद सफल नौसैनिक हमला था।
Operation Trident – तारीख के पीछे की कहानी
- दिसंबर 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना ने एक अचानक हमला प्लान किया। निशाना था कराची पोर्ट, जो पाकिस्तान नौसेना का सबसे बड़ा बेस था।
- 4–5 दिसंबर 1971 की रात को भारतीय मिसाइल बोट्स और सपोर्ट शिप्स ने कराची के पास दुश्मन के युद्धपोतों और तेल भंडारण टैंकों पर हमला किया।
- इस हमले में भारतीय नौसेना ने कई पाकिस्तानी जहाज़ों को डुबो दिया या बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया और बड़े–बड़े फ्यूल टैंकों को नष्ट कर दिया। इससे दुश्मन की नौसेना और अर्थव्यवस्था दोनों को भारी नुकसान पहुँचा।
- सबसे बड़ी बात – इस पूरे ऑपरेशन में भारत का एक भी जहाज़ नहीं डूबा।
इस शानदार जीत ने साबित कर दिया कि भारतीय नौसेना आधुनिक, साहसी और बेहद प्रोफेशनल है। इसी सफलता की याद में 4 दिसंबर को Indian Navy day चुना गया।
इसके बाद 8–9 दिसंबर 1971 को एक और ऑपरेशन चलाया गया, जिसे ऑपरेशन पाइथन (Operation Python) कहा गया। इसमें भी कराची के आसपास दुश्मन के जहाज़ों और तेल भंडारण को और ज़्यादा नुकसान पहुँचाया गया। इन दोनों ऑपरेशनों ने दिखा दिया कि समुद्री शक्ति युद्ध की दिशा बदल सकती है।
Indian Navy day की तारीख कैसे बदली?
बहुत से लोग यह नहीं जानते कि Navy Day हमेशा से 4 दिसंबर को नहीं मनाया जाता था।
- 1944 में, जब भारत पर ब्रिटिश शासन था, तब पहली बार Navy Day को 21 अक्टूबर को मनाया गया।
- बाद में इसकी तारीख बदलकर 15 दिसंबर कर दी गई।
- अंत में 1971 के युद्ध के बाद, ऑपरेशन ट्राइडेंट और समुद्री जीत की याद में इसे 4 दिसंबर कर दिया गया, जो आज Indian Navy day के रूप में जाना जाता है।
इससे पता चलता है कि Indian Navy day कोई साधारण तारीख नहीं, बल्कि वास्तविक युद्ध, असली बहादुरी और रणनीतिक सफलता से जुड़ा हुआ दिन है।
भारतीय नौसेना का संक्षिप्त इतिहास
Indian Navy day को पूरी तरह समझने के लिए हमें यह जानना ज़रूरी है कि भारतीय नौसेना की शुरुआत कहाँ से हुई और यह कैसे आगे बढ़ी।
शुरुआती दौर – East India Company Marine
- भारतीय नौसेना की जड़ें 1612 तक जाती हैं, जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपनी व्यापारिक सुरक्षा के लिए एक छोटी समुद्री सेना बनाई, जिसे Honourable East India Company’s Marine कहा जाता था। इसका काम गुजरात के सूरत के पास कंपनी के व्यापारिक जहाज़ों की रक्षा करना था।
- समय के साथ इस बल का नाम कई बार बदला – Bombay Marine, Indian Navy, Her Majesty’s Indian Navy, Royal Indian Marine और अंत में Royal Indian Navy।
Royal Indian Navy से Indian Navy तक
- 1947 में भारत की आज़ादी के बाद Royal Indian Navy को दो हिस्सों में बाँटा गया – एक भारत के लिए और एक पाकिस्तान के लिए।
- भारत को लगभग दो–तिहाई जहाज़ और भारत की सीमा में आने वाले सभी नौसैनिक बेस मिले।
- 26 जनवरी 1950 को जब भारत गणतंत्र बना, तब “Royal” शब्द हटा दिया गया और आधिकारिक रूप से इसे Indian Navy कहा जाने लगा। इसी समय से भारतीय जहाज़ों के आगे INS (Indian Naval Ship) लिखा जाने लगा।
आधुनिक भारतीय नौसेना – बढ़ती समुद्री शक्ति
आज की भारतीय नौसेना एक Blue-Water Navy है, यानी यह सिर्फ़ तट के आसपास ही नहीं, बल्कि दूर–दराज़ खुले महासागरों में भी ऑपरेशन करने में सक्षम है। इसके पास –
- लगभग 250 जहाज़ और पनडुब्बियाँ (auxiliary जहाज़ों सहित) हैं।
- करीब 300 विमान, जिनमें MiG-29K, Rafale-M जैसे फाइटर, हेलीकॉप्टर और P-8I जैसे maritime patrol aircraft शामिल हैं।
- बड़े नौसैनिक कमांड – मुंबई, कोच्चि, विशाखापट्टनम और पोर्ट ब्लेयर में स्थित हैं।
इतने लंबे इतिहास और आधुनिक शक्ति के कारण Indian Navy day देश को यह बताने का बेहतरीन दिन बन जाता है कि कैसे भारत छोटी–सी coastal force से एक मज़बूत और आधुनिक नौसेना बना।
वे प्रमुख ऑपरेशन जो Indian Navy day की “स्पिरिट” बनाते हैं
Indian Navy day मुख्य रूप से 1971 की जीत को याद करता है, लेकिन इस दिन की भावना भारतीय नौसेना के कई अन्य ऑपरेशनों और सेवाओं से भी जुड़ी हुई है।
1. गोवा मुक्ति (1961) – Operation Vijay
- 1961 में भारत ने गोवा, दमन और दीव से पुर्तगाली शासन को खत्म करने का फैसला किया।
- इस मिशन का नाम था ऑपरेशन विजय।
- भारतीय नौसेना ने सेना और वायुसेना के साथ मिलकर काम किया – समुद्र में Sea Blockade लगाया, कुछ तटीय ठिकानों पर गोले दागे और अंजदीव जैसे द्वीपों पर कब्ज़ा किया।
- इससे भारत को गोवा को सफलतापूर्वक आज़ाद कराने और भारत संघ में शामिल करने में मदद मिली।
2. 1971 का इंडो–पाक युद्ध – Trident, Python और अन्य
यही Indian Navy day का असली केंद्र है।
- Operation Trident (4 दिसंबर 1971) – कराची पर रात के समय मिसाइल से हमला, जिसमें पाकिस्तान के कई जहाज़ और फ्यूल डिपो नष्ट हुए।
- Operation Python (8–9 दिसंबर 1971) – दूसरा हमला, जिसमें मिसाइल बोट्स और फ्रिगेट्स ने फिर से कराची क्षेत्र में फ्यूल टैंकों और जहाज़ों को निशाना बनाया।
- पूर्वी मोर्चे पर नौसेना ने समुद्री रास्तों को ब्लॉक किया, और Operation X जैसी गुप्त कार्रवाइयों के ज़रिए मुक्ति बहिनी के “assault swimmers” की मदद से पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाया।
इन कार्रवाइयों ने पाकिस्तान की हार में बड़ा योगदान दिया और इसी वजह से Indian Navy day पर 1971 की जीत को गर्व के साथ याद किया जाता है।
3. Operation Talwar – कारगिल संघर्ष (1999)
- कारगिल युद्ध (1999) के दौरान भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन तलवार शुरू किया।
- पूर्वी और पश्चिमी दोनों फ्लीट को मिलाकर पाकिस्तान के समुद्री व्यापार मार्गों के पास तैनात किया गया, ताकि उस पर आर्थिक और रणनीतिक दबाव बनाया जा सके।
- नौसेना की इस मज़बूत मौजूदगी ने दुश्मन के लिए युद्ध को और ज़्यादा बढ़ाना जोखिम भरा बना दिया – यानी यह एक मजबूत deterrent साबित हुआ।
4. मानवीय सहायता और निकासी अभियान
भारतीय नौसेना सिर्फ़ युद्ध के लिए ही नहीं, बल्कि मानवीय मदद के लिए भी जानी जाती है। Indian Navy day पर लोग इसके इन कार्यों को भी याद करते हैं, जैसे –
- ऑपरेशन राहत (2015) – यमन जैसे युद्ध–ग्रस्त देश से सैकड़ों भारतीयों और विदेशी नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालना।
- 2004 की सुनामी, चक्रवात, बाढ़ और भूकंप जैसी आपदाओं में भारत और पड़ोसी देशों को राहत पहुँचाना।
- ऑपरेशन संकल्प और anti-piracy patrols – अरब सागर और Gulf of Aden में व्यापारिक जहाज़ों को समुद्री लुटेरों से बचाना।
ये मिशन दिखाते हैं कि Indian Navy day सिर्फ़ युद्ध की जीत नहीं, बल्कि दया, बचाव और वैश्विक ज़िम्मेदारी का प्रतीक भी है।
भारत भर में Indian Navy day कैसे मनाया जाता है?
Indian Navy day पर पूरे देश में अलग–अलग स्तरों पर कार्यक्रम होते हैं – आधिकारिक, सैन्य और जन–भागीदारी वाले।
1. नौसैनिक बेस और हार्बर इवेंट्स
मुंबई, विशाखापट्टनम, कोच्चि और पोर्ट ब्लेयर जैसे बड़े नौसैनिक बेस पर आप देखेंगे –
- Ship Open Day – जहाँ स्कूली बच्चों और आम लोगों को युद्धपोतों पर जाने और उपकरण देखने का मौका मिलता है।
- नौसैनिक बैंड के संगीत कार्यक्रम और परेड।
- मरीन कमांडो, डाइविंग टीमें, रेस्क्यू ऑपरेशन और हेलीकॉप्टर डिस्प्ले की डेमो।
कई बार खास समुद्री तटों पर बड़े सार्वजनिक कार्यक्रम भी होते हैं, जहाँ प्रधानमंत्री या अन्य शीर्ष नेता मौजूद रहते हैं। इससे पता चलता है कि Indian Navy day अब सिर्फ़ मिलिटरी समारोह नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाने वाला सार्वजनिक कार्यक्रम बनता जा रहा है।
2. पुष्पांजलि और श्रद्धांजलि समारोह
देश भर में Indian Navy day पर –
- नौसैनिक शहीदों के स्मारकों पर पुष्पांजलि दी जाती है।
- प्रसिद्ध एडमिरलों और समुद्री नायकों की मूर्तियों या स्मारकों पर कार्यक्रम होते हैं।
- वरिष्ठ अधिकारी और शहीदों के परिजन एकत्र होकर उन्हें सम्मान देते हैं।
यह गंभीर और भावुक हिस्सा हमें याद दिलाता है कि आज हमारी शांति उन लोगों के बलिदान पर टिकी है।
3. स्कूल, कॉलेज और सार्वजनिक कार्यक्रम
Indian Navy day से पहले–बाद में कई शैक्षणिक संस्थान –
- विशेष सभाएँ और भाषण रखते हैं, जहाँ Indian Navy day, 1971 युद्ध या नौसेना के बारे में बताया जाता है।
- क्विज़ प्रतियोगिता, निबंध, पोस्टर–मेकिन्ग और वाद–विवाद आयोजित करते हैं।
- एयरक्राफ्ट कैरियर, पनडुब्बियों और ऑपरेशनों पर डॉक्युमेंट्री दिखाते हैं।
इन गतिविधियों से विद्यार्थियों को समझ आता है कि Indian Navy day सिर्फ़ तटीय शहरों के लिए नहीं, बल्कि हर भारतीय के लिए महत्वपूर्ण है।
हाल के वर्षों में Indian Navy day के थीम
पिछले कुछ सालों से Indian Navy day अलग–अलग थीम के साथ मनाया जा रहा है, जो देश की रक्षा नीति और विकास की सोच को दिखाते हैं।
उदाहरण के लिए, Indian Navy day 2024 का थीम था –
“Strength and Power through Innovation and Indigenisation”
यह थीम बताता है कि –
- भारत अब स्वदेशी युद्धपोत, पनडुब्बियाँ और विमान बना रहा है।
- नौसेना में नई तकनीक, AI, ड्रोन और एडवांस्ड मिसाइलों का इस्तेमाल बढ़ रहा है।
- देश का ध्यान ‘आत्मनिर्भर भारत’ पर है, यानी रक्षा क्षेत्र में विदेशी आयात पर निर्भरता कम की जा रही है।
उच्च नेतृत्व के भाषणों में यह बात बार–बार कही गई कि भारत अब “Buyer’s Navy” से “Builder’s Navy” बन रहा है – यानी अब नौसेना के 90–100 से ज़्यादा जहाज़ भारत में ही बने हैं, जिनमें एयरक्राफ्ट कैरियर और बड़े डीस्ट्रॉयर भी शामिल हैं।
आने वाले Indian Navy day समारोहों में भी आपको ऐसे ही थीम देखने को मिलेंगे –
- रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता
- हिंद महासागर क्षेत्र की समुद्री सुरक्षा
- समुद्र में पर्यावरण–अनुकूल और स्थायी संचालन
आज के भारत में भारतीय नौसेना की भूमिका
जब लोग “Navy” सुनते हैं तो ज़्यादातर के दिमाग में सिर्फ़ ship और submarine आते हैं, लेकिन Indian Navy day के पीछे जो भूमिका है, वह इससे कहीं ज़्यादा बड़ी है।
1. तट–रेखा और समुद्री मार्गों की सुरक्षा
भारत के पास 7,500 किमी से ज़्यादा लंबी समुद्री तट–रेखा है और मुंबई, चेन्नई, कोच्चि, विशाखापट्टनम जैसे बड़े बंदरगाह हैं। भारतीय नौसेना –
- इस लंबी तट–रेखा की रक्षा करती है।
- उन Sea Lines of Communication (SLOCs) की सुरक्षा करती है, जिनसे होकर भारत के ज़्यादातर व्यापार और ऊर्जा आपूर्ति (तेल–गैस आदि) आती–जाती है।
2. Deterrence और Power Projection
Indian Navy day हमें याद दिलाता है कि नौसेना –
- दुश्मनों के लिए एक deterrent (डर पैदा करने वाली शक्ति) है, जिससे वे हमला करने से पहले सौ बार सोचते हैं।
- दूर–दराज़ समुद्रों में जहाज़ और विमान भेजकर भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा, संयुक्त अभ्यास और मित्र देशों की मदद कर सकती है।
3. कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय सहयोग
भारतीय नौसैनिक जहाज़ नियमित रूप से विभिन्न देशों के बंदरगाहों पर जाते हैं और अन्य नौसेनाओं के साथ संयुक्त अभ्यास करते हैं। इसे Naval Diplomacy या Defence Cooperation कहा जाता है।
Indian Navy day पर इन गतिविधियों को भी प्रमुखता से दिखाया जाता है, ताकि दुनिया को यह संदेश जाए कि भारत एक जिम्मेदार समुद्री शक्ति है जो क्षेत्रीय और वैश्विक शांति में योगदान देती है।
Indian Navy day और भारत का युवा
छात्रों और रक्षा–अभ्यर्थियों के लिए Indian Navy day सिर्फ़ एक उत्सव नहीं, बल्कि प्रेरणा का स्रोत है।
- यह युवाओं को बताता है कि नौसेना में career opportunities बहुत व्यापक हैं – officer, sailor, pilot, engineer, submariner, logistics officer, legal officer, doctor, nurse, data specialist और भी बहुत कुछ।
- यह दिखाता है कि नौसेना में नौकरी सिर्फ़ नौकरी नहीं, बल्कि सेवा, adventure और leadership से भरपूर जीवन है।
Indian Navy day से जुड़े कार्यक्रमों में ही कई युवा NDA, CDS, INET, 10+2 B.Tech entry, Naval Academy, SSC entries जैसी विभिन्न एंट्री के बारे में जानते हैं और अपने लिए रास्ता चुनते हैं।
Indian Navy day को आप कैसे अर्थपूर्ण तरीके से मना सकते हैं?
आप समुद्र के पास न रहते हों, किसी नौसैनिक बेस के पास न हों, फिर भी Indian Navy day को अर्थपूर्ण तरीके से मना सकते हैं।
1. पढ़ें और कहानियाँ बाँटें
- Operation Trident, Operation Talwar और विभिन्न मानवीय मिशनों के नायकों के बारे में पढ़ें।
- उनकी कहानियाँ अपने दोस्तों, परिवार या सोशल मीडिया पर शेयर करें।
2. डॉक्युमेंट्री और टॉक्स देखें
- टीवी चैनल, YouTube और न्यूज़ प्लेटफॉर्म पर Indian Navy day के आसपास कई विशेष कार्यक्रम, ship tours और इंटरव्यू आते हैं। उन्हें देखें और उनसे नोट्स बनाएं।
3. लोकल इवेंट्स में शामिल हों
- अगर आप किसी coastal शहर के पास रहते हैं, तो open day, band show, exhibition जैसे कार्यक्रमों की जानकारी लेकर उनमें हिस्सा लें।
4. प्रोजेक्ट और प्रेज़ेंटेशन बनाएं
- छात्र Indian Navy day, 1971 war operations, maritime security जैसे टॉपिक पर चार्ट, प्रोजेक्ट या PPT बना सकते हैं और स्कूल/कोचिंग में प्रेज़ेंट कर सकते हैं।
5. कृतज्ञता के संदेश भेजें
- सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते समय सम्मानजनक भाषा में नौसैनिकों को धन्यवाद कहें। एक simple सा मैसेज –
“Thank you Indian Navy” – भी उनके लिए मायने रखता है।
6. समुद्री ज़िम्मेदारी का एहसास
- याद रखें कि समुद्र हमारा कूड़ाघर नहीं है। प्लास्टिक की चीज़ों का कम उपयोग, कचरा सही तरह निस्तारित करना, समुद्री प्रदूषण कम करने की दिशा में छोटा–सा योगदान भी Indian Navy day पर एक चुप–चाप लेकिन मजबूत श्रद्धांजलि है।
About Doon Defence Dreamers
Doon Defence Dreamers में हम NDA, CDS, AFCAT, RIMC, RMS और SSB इंटरव्यू की पूरी तैयारी करवाते हैं।
- यहाँ पर expert faculty, व्यक्तिगत मार्गदर्शन, hostel सुविधा, रोज़ाना physical training और अनुशासित माहौल दिया जाता है, ताकि हर छात्र अपने सपने – भारतीय सशस्त्र बलों में अधिकारी बनने – के करीब पहुँच सके।
- हमारी हाल की उपलब्धियाँ खुद हमारे काम की गवाही देती हैं – एक साथ 35 छात्रों का चयन और 710 से ज़्यादा अभ्यर्थियों का NDA और CDS लिखित परीक्षा में सफल होना।
- अगर आप Best NDA Coaching in Dehradun या Top CDS Coaching in Dehradun ढूँढ रहे हैं, तो Doon Defence Dreamers आपके लिए भरोसेमंद विकल्प है।
आज ही हमारे साथ जुड़ें और आत्मविश्वास और गर्व के साथ Indian Armed Forces में अधिकारी बनने की अपनी यात्रा शुरू करें।
निष्कर्ष: Indian Navy day वास्तव में हमें क्या सिखाता है?
Indian Navy day वह दिन है जब हम समुद्र की ओर देखकर समझते हैं कि भारत की सुरक्षा और विकास के लिए महासागर कितने महत्वपूर्ण हैं।
यह हमें याद दिलाता है कि –
- एक मज़बूत नौसेना हमारे तटों, द्वीपों और व्यापारिक समुद्री मार्गों की सुरक्षा करती है।
- Operation Trident और Operation Python जैसी योजनाबद्ध और साहसी कार्रवाइयाँ युद्ध का परिणाम बदल सकती हैं।
- भारतीय नौसेना केवल युद्ध नहीं लड़ती, बल्कि जान बचाती है, मित्र देशों की मदद करती है और आपदाओं के समय सबसे आगे खड़ी रहती है।
- Indigenisation और Innovation के ज़रिए भारत अब सिर्फ़ हथियार खरीदने वाला नहीं, बल्कि उन्नत युद्धपोत और पनडुब्बियाँ बनाने वाला देश बन रहा है।
जब भी 4 दिसंबर आए, उसे सिर्फ़ एक साधारण तारीख की तरह मत देखिए।
इसे Indian Navy day के रूप में याद कीजिए – वह दिन जब भारत अपने समुद्री रक्षकों को सलाम करता है, उनके मौन सेवाभाव के लिए धन्यवाद कहता है, और एक मज़बूत, आधुनिक और मानवीय नौसेना के निर्माण का संकल्प दोहराता है।

























