National Girl Child Day 2026: अर्थ, इतिहास और भारत की बेटियों के लिए भविष्य के अवसर
24 जनवरी को भारत National Girl Child Day 2026 मनाएगा – यह दिन हर बेटी की इज़्ज़त, सपनों और भविष्य को समर्पित है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि जब किसी लड़की को सुरक्षा, शिक्षा, पोषण और सम्मान मिलता है, तो पूरा देश मज़बूत बनता है।
National Girl Child Day 2026 इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि आज की बालिका ही कल की डॉक्टर, वैज्ञानिक, उद्यमी और डिफेंस ऑफिसर बनेगी। सरकारी योजनाओं से लेकर NDA, RIMC और RMS जैसी नई अवसरों तक, भारतीय बेटियों की यात्रा अब एक नए, मज़बूत चरण में प्रवेश कर चुकी है।
National Girl Child Day 2026 क्या है??
National Girl Child Day 2026 भारत में मनाया जाने वाला एक राष्ट्रीय दिवस है, जिसका उद्देश्य है:
बालिकाओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाना
लैंगिक भेदभाव, बाल विवाह, लिंग आधारित गर्भपात, कुपोषण और शिक्षा की कमी जैसी समस्याओं को उजागर करना
हर क्षेत्र में लड़कियों के लिए समान अवसर बढ़ाना – जिसमें डिफेंस, STEM, खेल और नेतृत्व भी शामिल हैं
भारत में National Girl Child Day 2026 हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 2008 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और भारत सरकार द्वारा की गई थी।
National Girl Child Day 2026 का मूल संदेश वही है:
हर बालिका को जन्म लेने, सुरक्षित रहने, पढ़ने, सपने देखने और नेतृत्व करने का पूरा अधिकार है।
24 जनवरी को National Girl Child Day 2026 क्यों मनाया जाता है??
24 जनवरी की तारीख अपने आप में बहुत प्रतीकात्मक है:
1. महिलाओं के नेतृत्व से जुड़ाव
कई लेखों में 24 जनवरी को उस दिन से जोड़ा जाता है जब भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने 1966 में शपथ ली। इसे महिलाओं के राजनीतिक नेतृत्व और क्षमता का प्रतीक माना जाता है।
2. बालिकाओं के व्यापक अभियानों से तालमेल
National Girl Child Day 2026 उन बड़े अभियानों और योजनाओं से भी जुड़ा है जो “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” की सोच को आगे बढ़ाते हैं, खासकर Beti Bachao Beti Padhao (BBBP) के 2015 में शुरू होने के बाद।
3. राष्ट्रीय स्तर पर लगातार याद दिलाने वाला दिन
हर साल National Girl Child Day 2026 को इसी तारीख पर मनाकर सरकार और समाज यह स्पष्ट संदेश देते हैं कि हमें हर वर्ष ये समीक्षा करनी चाहिए कि हम अपनी बेटियों के लिए क्या कर रहे हैं – जन्म पंजीकरण और टीकाकरण से लेकर उच्च शिक्षा और रोज़गार तक।
National Girl Child Day 2026 का इतिहास और विकास
Beginning of the Day (2008 onwards)
2008 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने National Girl Child Day 2026 की शुरुआत की, ताकि घटता बाल लिंगानुपात, कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह और शिक्षा व पोषण में भेदभाव जैसी गंभीर समस्याओं पर जवाब दिया जा सके।
शुरुआती कार्यक्रमों में मुख्य रूप से ये बातें शामिल थीं:
“सेव द गर्ल चाइल्ड” यानी बेटी बचाओ अभियान
लिंग आधारित गर्भपात के खिलाफ रैलियाँ और नुक्कड़ नाटक
बालिकाओं के कानूनी अधिकारों और सहायक योजनाओं के बारे में जागरूकता
Themes and Changing Focus
समय के साथ अलग–अलग वर्षों में अलग थीमें ली गईं, जैसे “Empowering Girls for a Brighter Tomorrow” (2019) इत्यादि, जो सशक्तिकरण पर ज़ोर डालती रहीं।
2025 के लिए कई लेखों में “Empowering Girls for a Bright Future” की भावना को उभारा गया, जिसमें अधिकार, शिक्षा और सुरक्षा पर फोकस रहा।
अभी तक National Girl Child Day 2026 की आधिकारिक थीम व्यापक स्तर पर घोषित नहीं हुई है, लेकिन उम्मीद की जा सकती है कि थीम इन बिंदुओं के आसपास रहेगी:
शिक्षा और कौशल विकास
डिजिटल इन्क्लूज़न और STEM
सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और नेतृत्व
अपने ब्लॉग या भाषण में आप National Girl Child Day 2026 को एक व्यापक थीम की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं –
“हर बेटी सशक्त, नया भारत मज़बूत।”
National Girl Child Day 2026 के मुख्य उद्देश्य
National Girl Child Day 2026 के मुख्य उद्देश्य हैं:
1. Awareness of rights
माता–पिता, शिक्षकों और समाज को यह समझाना कि लड़की को भी वही कानूनी, सामाजिक और मानवीय अधिकार हैं जो लड़के को हैं – संपत्ति और उत्तराधिकार से लेकर हिंसा और शोषण से मुक्त रहने तक।
2. End gender-biased sex selection
कन्या भ्रूण हत्या और शिशु हत्या जैसी बुराइयों को कानून और मानसिकता, दोनों स्तरों पर रोकना, ताकि लड़की का जन्म एक उत्सव बने, बोझ नहीं।
3. Promote education and skill development
सुनिश्चित करना कि लड़कियाँ स्कूल न छोड़ें, और उन्हें अच्छी शिक्षा, कैरियर काउंसिलिंग और आधुनिक कौशल (कोडिंग, भाषाएँ, नेतृत्व, खेल आदि) मिलें।
4. Improve health and nutrition
एनीमिया, कुपोषण, माहवारी स्वास्थ्य, टीकाकरण और मानसिक स्वास्थ्य पर बात करना – जो एक बालिका को मज़बूत और आत्मविश्वासी बनाने के लिए ज़रूरी हैं।
5. Strengthen safety and protection
POCSO Act और Prohibition of Child Marriage Act जैसे कानूनों के बारे में जागरूकता फैलाना, साथ ही उन हेल्पलाइन और वन–स्टॉप सेंटरों की जानकारी देना जो हिंसा झेल रही लड़कियों की मदद करते हैं।
6. Create equal opportunities
ऐसे क्षेत्रों में बेटियों को आगे बढ़ाना जहाँ पहले वे कम दिखती थीं – जैसे डिफेंस सर्विसेस, RIMC, RMS, सैनिक स्कूल, IITs, खेल और उद्यमिता।
संक्षेप में, National Girl Child Day 2026 सिर्फ बेटियों का उत्सव नहीं, बल्कि अन्याय को ठीक करने और बराबर मंच बनाने का दिन है।
भारत में बालिका के सामने प्रमुख चुनौतियाँ
बहुत सारी योजनाओं और National Girl Child Day 2026 जैसे अभियानों के बावजूद भारत की बालिकाएँ आज भी कई गंभीर चुनौतियों का सामना करती हैं:
Declining Child Sex Ratio and Gender Bias
भारत ने दशकों तक कम बाल लिंगानुपात की समस्या झेली है, जो बेटे की प्राथमिकता को दिखाता है।
Beti Bachao Beti Padhao जैसे अभियानों ने जागरूकता बढ़ाई है, लेकिन कई ज़िलों में आज भी जन्म से पहले और बाद में भेदभाव देखा जाता है।
Inequality in Education
कई लड़कियाँ गरीबी, घरेलू काम, बाल विवाह या असुरक्षित यात्रा की वजह से स्कूल छोड़ देती हैं।
शौचालयों की कमी, माहवारी स्वच्छता और सुरक्षित माहौल न होना भी उनकी उपस्थिति को प्रभावित करता है।
Health and Nutrition Issues
बहुत सी लड़कियाँ एनीमिया, कुपोषण और समय पर स्वास्थ्य सेवाओं की कमी से जूझती हैं, खासकर ग्रामीण और कम आय वाले परिवारों में।
Violence and Safety Concerns
उत्पीड़न, बाल यौन शोषण, तस्करी और घरेलू हिंसा जैसी समस्याएँ आज भी उनकी आज़ादी और आत्मविश्वास को सीमित करती हैं। कानून मौजूद हैं, लेकिन कार्यान्वयन और जागरूकता अभी भी चुनौती है।
Limited Career Exposure
कई परिवार आज भी बेटियों को उन करियरों से दूर रखते हैं जिन्हें कठिन या पुरुषप्रधान माना जाता है – जैसे डिफेंस, एविएशन, सशस्त्र बल, STEM रिसर्च आदि।
इन्हीं कारणों से National Girl Child Day 2026 का संदेश और भी तत्काल और ज़रूरी हो जाता है।
बालिका के लिए सरकारी योजनाएँ और महत्वपूर्ण क़ानून
जब आप National Girl Child Day 2026 पर लिखते या बोलते हैं, तो उन प्रमुख योजनाओं और क़ानूनों का ज़िक्र ज़रूर करें जो भारत में बालिकाओं को मज़बूती देते हैं।
Beti Bachao Beti Padhao (BBBP)
22 जनवरी 2015 को शुरू हुई यह प्रमुख योजना बाल लिंगानुपात सुधारने, लिंग आधारित गर्भपात रोकने और बेटियों की शिक्षा व सशक्तिकरण के लिए बनाई गई।
यह योजना जनजागरूकता अभियान, समुदाय की भागीदारी और ज़िला स्तर पर सेवाओं में सुधार के माध्यम से काम करती है।
Sukanya Samriddhi Yojana (SSY)
यह बालिका के लिए एक दीर्घकालिक बचत योजना है, जो Beti Bachao Beti Padhao के अंतर्गत शुरू की गई। माता–पिता या अभिभावक 10 वर्ष से कम आयु की लड़की के नाम से खाता खोल सकते हैं।
इस पर लगभग 8.2% वार्षिक ब्याज (हाल के तिमाहियों में) और टैक्स बेनिफिट मिलता है, जिससे परिवार बेटियों की उच्च शिक्षा और विवाह के लिए अच्छी बचत कर सकते हैं।
Other Important Schemes
केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कई और योजनाएँ चलाई जाती हैं, जैसे:
बालिकाओं के लिए छात्रवृत्तियाँ
कन्या सुमंगला, लाड़ली लक्ष्मी, नंदा देवी कन्या, CBSE उड़ान और अन्य क्षेत्रीय कार्यक्रम, जो बालिका शिक्षा और सशक्तिकरण पर केंद्रित हैं
इन पहलों को आप आसानी से National Girl Child Day 2026 से जोड़ सकते हैं, यह दिखाकर कि कैसे यह दिन संदेश देता है और योजनाएँ उसे जमीन पर उतारती हैं।
Key Laws That Protect Girls
National Girl Child Day 2026 पर आप इन महत्वपूर्ण कानूनों का ज़िक्र भी कर सकते हैं:
The Prohibition of Child Marriage Act, 2006 – बाल विवाह पर रोक लगाता है और लड़कियों को बहुत कम उम्र में शादी से बचाता है।
The Protection of Children from Sexual Offences (POCSO) Act, 2012 – बच्चों (बालिकाओं सहित) को यौन शोषण से बचाने के लिए विशेष क़ानून।
Juvenile Justice Act, 2015 और Mission Vatsalya – ज़रूरतमंद बच्चों की देखभाल, पुनर्वास और संरक्षण के लिए।
National Girl Child Day 2026 और लड़कियों के लिए Defence Opportunities (NDA, RIMC, RMS)
National Girl Child Day 2026 का सबसे प्रेरणादायक पहलू है कि अब अधिक से अधिक बेटियाँ NDA, RIMC, RMS और सैनिक स्कूलों जैसे डिफेंस परीक्षाओं में हिस्सा ले रही हैं।
Girls in NDA: Breaking the Final Barrier
एक ऐतिहासिक सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अब लड़कियाँ भी National Defence Academy (NDA) में आर्मी, नेवी और एयरफोर्स की कैडेट के रूप में शामिल हो सकती हैं।
पहला महिला बैच अगस्त 2022 में NDA में शामिल हुआ और 2025 तक कोर्स 148 से 153 के बीच कुल 126 महिला कैडेट्स NDA में जॉइन कर चुकी थीं।
2025 में सरकार ने राज्यसभा में बताया कि लगभग 121 महिला कैडेट्स NDA में ट्रेनिंग ले रही हैं – यह लड़कियों की मज़बूत भागीदारी दिखाता है।
NDA 2 2025 में कुल 406 सीटों में से कुछ सीटें विशेष रूप से लड़कियों के लिए आरक्षित थीं – जैसे आर्मी के लिए 10, नेवी के लिए 5, एयरफोर्स की फ्लाइंग और ग्राउंड ड्यूटी के लिए अलग सीटें और नेवल अकादमी के लिए 4 सीटें।
इसका मतलब है कि National Girl Child Day 2026 सिर्फ सामान्य सशक्तिकरण की बात नहीं करता, बल्कि लड़कियों को यह संदेश देता है कि वे भी “कंधे पर स्टार” पहनने का सपना देख सकती हैं।
Girls in RIMC (Rashtriya Indian Military College)
RIMC देहरादून – जो NDA और Indian Naval Academy के लिए एक प्रतिष्ठित फीडर इंस्टीट्यूट है – अब लड़के और लड़कियाँ दोनों के लिए खुला है।
RIMC हर छह महीने में लगभग 25 कैडेट्स को कक्षा 8 में ऑल इंडिया एंट्रेंस एग्ज़ाम और इंटरव्यू के ज़रिए प्रवेश देता है।
हाल के मेरिट लिस्ट में जनवरी 2026 टर्म के लिए कई बालिकाएँ भी चयनित हुई हैं।
जो बेटियाँ वर्दी पहनने का सपना देखती हैं, उनके लिए National Girl Child Day 2026 RIMC के मार्ग से परिचित कराने का बेहतरीन अवसर है।
Girls in Rashtriya Military Schools (RMS)
Rashtriya Military Schools (RMS) अब कक्षा 6 और 9 में लड़के और लड़कियाँ दोनों को प्रवेश दे रहे हैं।
RMS सभी स्कूलों में कुल सीटों का 10% या अधिकतम 30 सीट (जो कम हो) लड़कियों के लिए आरक्षित रखते हैं।
यह आरक्षण लड़कियों के लिए डिफेंस–उन्मुख स्कूली शिक्षा को और सुलभ बनाता है, और National Girl Child Day 2026 की भावना से सीधा जुड़ता है।
बालिका सशक्तिकरण में Doon Defence Dreamers की भूमिका
National Girl Child Day 2026 से लेकर NDA, RIMC और RMS तक की यात्रा में कोचिंग इंस्टिट्यूट्स की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।
Doon Defence Dreamers, देहरादून में स्थित, best NDA coaching in Dehradun के रूप में जाना जाता है। यह अकादमी:
विद्यार्थियों को NDA, CDS, AFCAT, RIMC, RMS, Sainik School और SSB Interview की तैयारी अनुभवी फैकल्टी और अनुशासित ट्रेनिंग से कराती है
होस्टल, नियमित फिजिकल ट्रेनिंग, डाउट सेशन और फोकस्ड रूटीन उपलब्ध कराती है, जो अलग–अलग राज्यों से आने वाली बालिकाओं के लिए विशेष रूप से सहायक है
अब तक सैकड़ों NDA लिखित क्वालिफायर और अनेक SSB रिकमेंडेशन दे चुकी है, जो इसकी गाइडेंस की मजबूती दिखाती है
National Girl Child Day 2026 के संदर्भ में, Doon Defence Dreamers जैसे संस्थान वास्तविक गेम–चेंजर बनते हैं:
1. बेटियों को डिफेंस करियर का सपना दिखाना
माता–पिता के लिए सेमिनार और काउंसिलिंग आयोजित करना, जिसमें NDA में लड़कियों की सीट, RIMC और RMS के अवसर समझाए जाएँ।
महिला कैडेट्स और महिला ऑफिसर्स की कहानियाँ दिखाकर बेटियों को प्रेरित करना।
2. सुरक्षित और सहायक क्लासरूम बनाना
यह सुनिश्चित करना कि प्रत्येक बालिका को सम्मान, सुरक्षा और अच्छी मेंटरशिप के साथ अकादमिक और फिजिकल ट्रेनिंग मिले।
3. Academic + Physical + SSB Grooming
बालिका की संभावना और प्रदर्शन के बीच की दूरी को कम करना, ताकि National Girl Child Day 2026 की प्रेरणा आने वाली परीक्षाओं में वास्तविक चयन में बदली जा सके।
School, College और Coaching Institutes National Girl Child Day 2026 कैसे मना सकते हैं?
व्यवहारिक स्तर पर, स्कूल, कॉलेज और कोचिंग इंस्टिट्यूट्स National Girl Child Day 2026 पर ये गतिविधियाँ कर सकते हैं:
Awareness and Motivation Programs
विशेष प्रार्थना सभा / असेंबली आयोजित करके National Girl Child Day 2026 का इतिहास और उद्देश्य समझाना।
महिला ऑफिसर, सफल महिला डॉक्टर, उद्यमी या पूर्व छात्राओं को बुलाकर उनकी यात्रा साझा करवाना।
NDA, RIMC, RMS, Sainik Schools और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं पर सेशन लेकर लड़कियों की भागीदारी और सीटों के बारे में जानकारी देना।
Competitions and Creative Activities
निबंध, भाषण और कविता प्रतियोगिताएँ, जैसे विषयों पर:
“मेरे सपनों का भारत – 2047 तक बेटियों के लिए”
“National Girl Child Day 2026 से मेरी ऑफिसर बनने की यात्रा”
पोस्टर–मेकिंग और स्लोगन प्रतियोगिताएँ – बाल विवाह रोकने, शिक्षा बढ़ाने या डिफेंस यूनिफॉर्म में बेटियों की तस्वीरों पर।
नुक्कड़ नाटक – लिंग भेदभाव, भ्रूण हत्या और ईव–टीज़िंग जैसे मुद्दों पर।
Parent Interaction
पेरेंट–टीचर मीटिंग विशेष रूप से इस विषय पर:
जल्दी शादी रोकना
बेटियों की उच्च शिक्षा और करियर चुनने की आज़ादी
इंटरनेट और सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग पर चर्चा
Pledges and Campaigns
National Girl Child Day 2026 पर शपथ दिलाना, जिसमें छात्र–छात्राएँ और अभिभावक वचन दें:
“हम बेटा–बेटी में कभी भेदभाव नहीं करेंगे।”
“हम अपनी बेटियों को जिस भी क्षेत्र में जाना है, उसमें पूरा समर्थन देंगे।”
स्थानीय स्तर पर “Adopt a Girl’s Education” जैसी पहल शुरू करना – जिसमें एलुमनाई या समाजसेवी मेधावी बालिकाओं की स्कूल/ट्यूशन फीस में मदद करें।
Parents और Students National Girl Child Day 2026 पर क्या कर सकते हैं?
औपचारिक कार्यक्रमों के अलावा National Girl Child Day 2026 को घर पर भी सार्थक तरीके से मनाया जा सकता है।
For Parents
अपनी बेटी का छोटा सा सेलिब्रेशन करना – एक छोटी सी पार्टी, केक, या हाथ से लिखा कार्ड जिसमें लिखा हो “हमें तुम पर गर्व है” – उसका आत्मविश्वास बहुत बढ़ा सकता है।
उसकी सेहत, पोषण और सुरक्षा की समीक्षा करना – आयरन युक्त भोजन, नियमित हेल्थ चेक–अप, मानसिक स्वास्थ्य और पर्सनल सेफ्टी पर खुली बातचीत।
लॉन्ग–टर्म फाइनेंशियल प्लानिंग पर विचार करना, जैसे Sukanya Samriddhi Yojana अकाउंट, जिससे MBBS, इंजीनियरिंग या डिफेंस ट्रेनिंग जैसी महंगी पढ़ाई के लिए समर्थन मिल सके।
For Girl Students
National Girl Child Day 2026 को अपनी गोल–सेटिंग डे की तरह इस्तेमाल करें:
“मैं 12वीं के बाद NDA की तैयारी करूँगी।”
“मैं 5वीं या 8वीं के बाद RIMC / RMS / Sainik School का लक्ष्य रखूँगी।”
“मैं शादी से पहले ग्रेजुएशन और एक मज़बूत करियर बनाऊँगी।”
अपना पर्सनल डेवलपमेंट प्लान बनाएं:
अंग्रेज़ी और कम्युनिकेशन सुधारना
फिजिकल फिटनेस बढ़ाना (दौड़, पुश–अप, कोर स्ट्रेंथ – NDA और SSB के लिए बेहद ज़रूरी)
टाइम मैनेजमेंट, अनुशासन और बेसिक करेंट अफेयर्स सीखना
National Girl Child Day 2026 बनाम International Day of the Girl Child
कई बार छात्र National Girl Child Day 2026 को International Day of the Girl Child के साथ कन्फ्यूज़ कर देते हैं। इसे आप इस तरह साफ़ कर सकते हैं:
National Girl Child Day 2026
सिर्फ भारत में 24 जनवरी को मनाया जाता है
2008 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया
फोकस: भारतीय बालिकाओं के अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और सशक्तिकरण
International Day of the Girl Child
11 अक्टूबर को वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है
संयुक्त राष्ट्र (UN) ने 2012 से इसे शुरू किया, ताकि दुनिया भर की लड़कियों की चुनौतियों और अवसरों पर ध्यान दिया जा सके
इस तुलना से छात्रों को समझ आता है कि भारत का National Girl Child Day 2026 भी वैश्विक बालिका अधिकार आंदोलन का एक हिस्सा है।
National Girl Child Day 2026 से जुड़े मुख्य निष्कर्ष
आपकी सामग्री को National Girl Child Day 2026 पर मजबूत और एग्ज़ाम–ओरिएंटेड बनाने के लिए इन बिंदुओं को ज़रूर शामिल करें:
परिभाषा और तारीख – 24 जनवरी, 2008 से MWCD द्वारा शुरू।
उद्देश्य – अधिकारों की जागरूकता, भेदभाव का अंत, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा।
योजनाओं से लिंक – Beti Bachao Beti Padhao, Sukanya Samriddhi और राज्य स्तरीय योजनाएँ।
चुनौतियाँ – बाल लिंगानुपात, बाल विवाह, स्कूल छोड़ना, हिंसा।
डिफेंस अवसर – NDA में लड़कियों की सीटें, RIMC और RMS में बालिकाओं की भागीदारी, बढ़ती महिला कैडेट्स।
संस्थाओं की भूमिका – जैसे Doon Defence Dreamers – best NDA coaching in Dehradun – जो लड़कियों को सही गाइडेंस और ट्रेनिंग देते हैं।
कैसे मनाएँ – कार्यक्रम, प्रतियोगिताएँ, शपथ, परिवार स्तर की पहलें।
निष्कर्ष: National Girl Child Day 2026 से नए भारत की ओर यात्रा
National Girl Child Day 2026 सिर्फ भाषणों और सोशल–मीडिया पोस्ट का दिन नहीं है। यह इस बात का वार्षिक रिपोर्ट कार्ड है कि भारत अपनी बेटियों के साथ कैसा व्यवहार कर रहा है।
जब:
परिवार बेटियों को “बोझ” नहीं, गौरव समझने लगते हैं,
स्कूल सुरक्षित और समान अवसरों वाले क्लासरूम बनाते हैं,
Doon Defence Dreamers जैसे कोचिंग इंस्टिट्यूट्स बेटियों को NDA, RIMC और RMS के लिए गंभीर और व्यवस्थित तैयारी करवाते हैं, और
सरकार बालिकाओं के लिए योजनाओं और क़ानूनों को लगातार मज़बूत करती रहती है,
तब National Girl Child Day 2026 सच में बराबर नागरिकता का उत्सव बनेगा, सिर्फ प्रतीकात्मक दिन नहीं।
जब भी कोई बालिका आत्मविश्वास से स्कूल यूनिफॉर्म पहनती है, कोई प्रतियोगी परीक्षा क्लियर करती है, NDA में कैडेट के रूप में जॉइन करती है, RIMC या RMS पास करती है या ऑफिसर बनती है, तब National Girl Child Day 2026 का वादा सच होता है।
इसलिए 24 जनवरी 2026 को, अपने मन में चुपचाप ये वाक्य दोहराएँ:
“अगर हम आज हर बालिका को शिक्षित, सुरक्षित और सशक्त बनाते हैं, तो भारत का कल निडर, न्यायपूर्ण और अजेय होगा।”

























