India’s Recent Initiatives: पीएम सेतु से लेकर Coral Reef Research Centre तक
2026 में भारत के विकास का परिदृश्य तेज़ी से बदल रहा है। यह बदलाव तीन क्रांतिकारी पहलों के संयुक्त प्रभाव से संभव हो रहा है, जो मानव संसाधन, आर्थिक बुद्धिमत्ता और पर्यावरण विज्ञान को एक साथ जोड़ती हैं। इस परिवर्तन के केंद्र में PM Setu Scheme है, जो देश के युवाओं को हाई-टेक भविष्य के लिए तैयार करने हेतु व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रणाली का व्यापक पुनर्गठन कर रहा है।
इसी के साथ, 8th Economic Census of India का शुभारंभ सटीक और डेटा-आधारित शासन के लिए आवश्यक सूक्ष्म आर्थिक जानकारी प्रदान करेगा, जबकि दक्षिण अंडमान में स्थापित Coral Reef Research Centre हमारे समुद्री पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा करते हुए तटीय सुरक्षा को सशक्त बनाएगा।
इन तीनों पहलों के माध्यम से भारत एक कुशल, आत्मनिर्भर और वैज्ञानिक रूप से उन्नत राष्ट्र बनने की दिशा में समग्र दृष्टिकोण अपनाता दिख रहा है।
1. PM Setu Scheme: भारत के व्यावसायिक प्रशिक्षण तंत्र में क्रांति
PM Setu Scheme, जिसका पूर्ण नाम Pradhan Mantri Skilling and Employability Transformation through Upgraded ITIs है, भारत के औद्योगिक प्रशिक्षण ढांचे को आधुनिक बनाने के लिए ₹60,000 करोड़ की महत्वाकांक्षी योजना है। यह केंद्र प्रायोजित योजना देश के 1,000 सरकारी Industrial Training Institutes (ITIs) को विश्वस्तरीय उत्कृष्टता केंद्रों में परिवर्तित करने का लक्ष्य रखती है।
सरकारी नियंत्रण वाले पारंपरिक मॉडल से हटकर, यह योजना “Industry-Managed” दृष्टिकोण अपनाती है, जिससे प्रशिक्षण संस्थानों में पढ़ाए जाने वाले कौशल वैश्विक उद्योगों की वास्तविक आवश्यकताओं के अनुरूप बन सकें। यह रणनीतिक निवेश भारत के demographic dividend को वास्तविक शक्ति में बदलने की कुंजी है।
PM Setu भारत में Skill Gap कैसे कम कर रहा है?
PM Setu Scheme की सबसे बड़ी विशेषता इसका Hub-and-Spoke Model है, जो एक नेटवर्क आधारित प्रशिक्षण प्रणाली तैयार करता है।
इस मॉडल के अंतर्गत:
200 अत्याधुनिक Hub ITIs को उन्नत प्रयोगशालाओं, इनोवेशन सेंटर और प्लेसमेंट सेल्स से लैस किया जाएगा
ये 200 हब, 800 Spoke ITIs को तकनीकी और शैक्षणिक सहयोग प्रदान करेंगे
इस व्यवस्था से दूर-दराज़ क्षेत्रों के छात्रों को भी महानगरों जैसी डिजिटल और उच्च-गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध होगी। यह योजना पुराने पाठ्यक्रमों और 21वीं सदी के उद्योगों की तेज़ रफ्तार के बीच की खाई को प्रभावी ढंग से भरती है।
Industry-Led Vocational Training: युवाओं के लिए रोजगार का नया युग
PM Setu Scheme के अंतर्गत सरकार ने Anchor Industry Partners को प्रशिक्षण संस्थानों के संचालन और पाठ्यक्रम निर्माण में अग्रणी भूमिका दी है।
इन उद्योग साझेदारों को प्रत्येक ITI क्लस्टर के लिए बनाए गए Special Purpose Vehicles (SPVs) में 51% हिस्सेदारी दी गई है।
इस सहयोग से छात्रों को AI, रोबोटिक्स, ग्रीन एनर्जी और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग जैसे उच्च मांग वाले क्षेत्रों में व्यावहारिक अनुभव मिलेगा। PM Setu केवल प्रमाणपत्र प्रदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह रोजगार से जुड़ा ऐसा प्रशिक्षण मार्ग तैयार करता है जो उच्च प्लेसमेंट दर और औद्योगिक नवाचार सुनिश्चित करता है।
PM Setu Scheme: प्रमुख विशेषताएं
| विशेषता | विवरण |
|---|---|
| कुल निवेश | ₹60,000 करोड़ (5 वर्षों में) |
| नोडल मंत्रालय | Ministry of Skill Development & Entrepreneurship (MSDE) |
| कार्यान्वयन मॉडल | Hub-and-Spoke (200 Hub, 800 Spoke) |
| शासन संरचना | Industry-Managed SPVs (51% Industry stake) |
| Centers of Excellence | 5 National Skill Training Institutes (NSTIs) |
1.5 करोड़ युवाओं को उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण
5 NSTIs को वैश्विक मानकों पर उन्नत किया जाएगा
World Bank और Asian Development Bank द्वारा सह-वित्तपोषण
स्कूलों में 1,200 Vocational Skill Labs की स्थापना
2. 8th Economic Census of India: डेटा-आधारित शासन का भविष्य
जहाँ PM Setu कार्यबल को तैयार करता है, वहीं 8th Economic Census of India देश के अगले दशक के विकास के लिए मजबूत डेटा आधार तैयार करता है।
यह जनगणना 2027 में Population Census के बाद आयोजित की जाएगी और यह अब तक की सबसे व्यापक आर्थिक गणना होगी।
इसका उद्देश्य सड़क किनारे छोटे व्यवसायों से लेकर बहुराष्ट्रीय उद्योगों तक, हर आर्थिक इकाई का डेटा एकत्र करना है। डिजिटल युग में भारत की वास्तविक आर्थिक तस्वीर समझने के लिए यह एक ऐतिहासिक कदम है।
भारत के व्यावसायिक परिदृश्य का मानचित्रण
8th Economic Census of India यह स्पष्ट करता है कि देश में आर्थिक गतिविधियाँ कहाँ और कैसे हो रही हैं।
पूरी तरह डिजिटल प्रक्रिया से:
MSME सेक्टर की सटीक जानकारी
असंगठित रोजगार का बेहतर आकलन
क्षेत्रीय विकास में अंतर की पहचान
हर उत्पादक इकाई को दर्ज कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी आर्थिक गतिविधि नीति-निर्माताओं की नज़र से ओझल न रहे।
Statistical Business Register (SBR): भविष्य की नीतियों की रीढ़
इस जनगणना का सबसे महत्वपूर्ण परिणाम Statistical Business Register (SBR) का निर्माण होगा।
यह डेटाबेस GSTN और Udyam जैसे प्लेटफॉर्म्स के साथ एकीकृत होकर एक live enterprise database तैयार करेगा।
SBR भविष्य की सभी आर्थिक सर्वेक्षणों का आधार बनेगा, जिससे GDP गणना और रोजगार डेटा पहले से कहीं अधिक सटीक होगा।
MoSPI द्वारा संचालित
सभी वस्तु एवं सेवा उत्पादक संस्थानों को कवर करता है
डिजिटल गणना से त्रुटियाँ न्यूनतम
सक्रिय व निष्क्रिय उद्यमों की स्पष्ट पहचान
3. Coral Reef Research Centre: समुद्री धरोहर की सुरक्षा
आर्थिक और कौशल विकास के साथ-साथ भारत समुद्री संरक्षण में भी निर्णायक कदम उठा रहा है।
दक्षिण अंडमान के Chidiyatapu में स्थापित Coral Reef Research Centre (NCRRI) ₹120 करोड़ की परियोजना है, जो Ministry of Environment, Forest and Climate Change के अंतर्गत संचालित होगी।
यह केंद्र समुद्री तापमान वृद्धि और अम्लीकरण जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए वैज्ञानिक समाधान विकसित करेगा।
“समुद्र के वर्षावन” की रक्षा
यह संस्थान भारत के चार प्रमुख coral reef क्षेत्रों की निगरानी और संरक्षण का राष्ट्रीय केंद्र बनेगा।
हालाँकि coral reefs समुद्र तल के 1% से भी कम क्षेत्र में फैले हैं, फिर भी वे 25% समुद्री जीवों को आश्रय देते हैं।
यहाँ reef restoration, biodiversity assessment और genetic research के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशालाएँ स्थापित की जाएँगी।
Climate Resilience और Marine Conservation
Coral reefs 97% तक wave energy को अवशोषित कर तटीय इलाकों को cyclones और tsunamis से बचाते हैं।
यह केंद्र Super Corals पर शोध करेगा, जो heat stress और bleaching के प्रति अधिक सहनशील हैं।
स्थानीय समुदायों की भागीदारी के साथ यह पहल भारत की blue economy को मजबूती देगी।
Coral Reef Research Centre: प्रमुख विवरण
| घटक | विवरण |
|---|---|
| स्थान | Chidiyatapu, South Andaman |
| लागत | ₹120 करोड़ |
| प्रमुख संस्था | Zoological Survey of India (ZSI) |
| तकनीक | Biorock Technology, Micro-fragmentation |
| नोडल मंत्रालय | MoEFCC |
Real-time bleaching monitoring
Coral gardening और reef rehabilitation
Fisheries और eco-tourism को संरक्षण
Coast Guard, Navy और वैज्ञानिकों के बीच सहयोग
निष्कर्ष
PM Setu Scheme, 8th Economic Census of India और Coral Reef Research Centre भारत के बहुआयामी विकास का स्पष्ट उदाहरण हैं।
जहाँ PM Setu कुशल मानव संसाधन तैयार करता है, वहीं Economic Census सटीक नीति निर्माण के लिए डेटा प्रदान करता है। दूसरी ओर, Coral Reef Research Centre यह सुनिश्चित करता है कि विकास पर्यावरण की कीमत पर न हो।
ये तीनों पहलें मिलकर आत्मनिर्भर, टिकाऊ और वैज्ञानिक रूप से सशक्त भारत की नींव रखती हैं।
आने वाले वर्षों में इनका प्रभाव देश के हर घर, हर उद्योग और हर तटरेखा पर दिखाई देगा — एक ऐसे भारत की कहानी, जो तकनीकी रूप से उन्नत, आर्थिक रूप से मज़बूत और पर्यावरणीय रूप से ज़िम्मेदार है।

























