हिमालय की गोद में बसा उत्तराखंड हमारी पहाड़ी संस्कृति, देवस्थलों और वीर जवानों की धरती है। यह राज्य किसी एक दिन में नहीं बना। इसे बनाने के लिए वर्षों तक आंदोलन चला, हजारों लोगों ने संघर्ष किया और कई साथियों ने अपने प्राणों की आहुति दी।
उत्तराखंड की स्थापना कब और कैसे हुई?
उत्तराखंड राज्य की मांग 1970 के दशक से ही उठने लगी थी।
पहाड़ के गाँवों में स्कूल, अस्पताल और रोजगार की कमी थी।
दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों में रहने वाले लोगों को बुनियादी सुविधाएँ भी बड़ी मुश्किल से मिलती थीं।
युवाओं और बुद्धिजीवियों ने महसूस किया कि अलग राज्य बने बिना पहाड़ की समस्याएँ ठीक से नहीं सुनी जाएँगी।
इसी भावना से उत्तराखंड राज्य आंदोलन शुरू हुआ। कुमाऊँ–गढ़वाल के शहरों और गाँवों में रैलियाँ, धरने, प्रदर्शन और पदयात्राएँ निकाली गईं। इस आंदोलन के दौरान अनेक निर्दोष लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी, जिनकी याद में आज भी राज्य के लोग सिर झुकाकर नमन करते हैं।
लंबे संघर्ष के बाद भारत की संसद ने नया राज्य बनाने का निर्णय लिया और 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड (तत्कालीन उत्तरांचल) आधिकारिक रूप से देश के 27वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। देहरादून को अस्थायी राजधानी और नैनीताल को उच्च न्यायालय की सीट बनाया गया। बाद में ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में गैरसैंण को भी मान्यता मिली।
ड्रीमर्स Edu Hub की भूमिका

उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के सभी शहीदों और आंदोलनकारियों को
ड्रीमर्स परिवार की ओर से शत–शत नमन,
जिन्होंने अलग राज्य के सपने को साकार करने के लिए
अपने प्राणों तक की आहुति दे दी।
ड्रीमर्स Edu Hub को गर्व है कि वह देवभूमि उत्तराखंड के युवाओं को
अनुशासन, मेहनत और सही मार्गदर्शन के साथ
रक्षा सेवाओं व प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार कर रहा है
और राज्य की शिक्षा, जागरूकता व विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस 9 नवम्बर 2025 को DREAMERS EDU HUB पर्यावरण संरक्षण के संकल्प के साथ वृक्षारोपण दिवस के रूप में मना रहा है।
इस अवसर पर संस्था सभी छात्रों, अभिभावकों और स्टाफ से अपील करती है कि वे आगे आकर कम से कम एक पौधा अवश्य लगाएँ और उसकी देखभाल का संकल्प लें।

श्री हरिओम चौधरी
(संस्थापक एवं सीईओ, Dreamers Edu Hub)
की ओर से समस्त उत्तराखंडवासियों, अभिभावकों और विद्यार्थियों को
उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस 2025 – रजत जयंती
की हार्दिक शुभकामनाएँ।
रजत जयंती वर्ष – 25 वर्षों की यात्रा
साल 2025 उत्तराखंड के लिए विशेष है, क्योंकि हम राज्य निर्माण के 25 वर्ष पूरे कर रहे हैं। पच्चीस वर्ष पहले जो सपना देखा गया था, उसकी दिशा में आज कई महत्वपूर्ण कदम उठ चुके हैं –
सड़कों, पुलों, बिजली और संचार के क्षेत्र में तेज़ विकास हुआ है।
पर्यटन, तीर्थाटन, हाइड्रो–पावर, शिक्षा और रक्षा–तैयारी जैसे क्षेत्रों में उत्तराखंड ने देश में अलग पहचान बनाई है।
महिला समूहों, स्वयं सहायता समूहों और युवाओं की भागीदारी बढ़ी है।
पहाड़ से पलायन रोकने के लिए अनेक योजनाएँ शुरू हुई हैं, हालाँकि अभी बहुत काम बाकी है।
रजत जयंती का यह वर्ष हमें याद दिलाता है कि संघर्ष केवल राज्य बनाने तक सीमित नहीं था; असली संघर्ष एक समृद्ध, सुरक्षित और शिक्षा–सम्पन्न उत्तराखंड बनाने का है।
राज्य आंदोलन के शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि
उत्तराखंड राज्य की सबसे बड़ी शक्ति उसके शहीद और आंदोलनकारी हैं।
राज्य निर्माण आंदोलन के सभी शहीदों और आंदोलनकारियों को ड्रीमर्स परिवार की ओर से शत–शत नमन, जिन्होंने राज्य निर्माण के लिए अपने प्राणों की आहुति तक दे दी।
इन शहीदों की वजह से आज हमें अपने राज्य की पहचान, संस्कृति और अस्मिता पर गर्व करने का मौका मिला है। रजत जयंती के इस अवसर पर हम संकल्प लें कि जिस उद्देश्य से राज्य बना, उसे कभी कमजोर नहीं होने देंगे।
ड्रीमर्स परिवार की ओर से हम उन सभी को शत–शत नमन करते हैं, जिन्होंने उत्तराखंड राज्य के निर्माण के लिए अपना जीवन तक समर्पित कर दिया। यही सच्ची श्रद्धांजलि है कि हम उनके सपने का उत्तराखंड बनाने की कोशिश करते रहें।
युवा पीढ़ी से एक सरल संदेश
आज का दिन हमें याद दिलाता है कि
हमें अपने पहाड़, जंगल, नदियाँ और संस्कृति की रक्षा करनी है।
शिक्षा, परिश्रम और चरित्र से खुद को मजबूत करना है।
जो छात्र सेना में जाना चाहते हैं, वे इसी देवभूमि की प्रेरणा से देश की सेवा करें।
निष्कर्ष – रजत जयंती से स्वर्ण जयंती की ओर
उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस 2025 केवल उत्सव का दिन नहीं, आत्ममंथन का दिन भी है।
पिछले पच्चीस वर्षों में हमने बहुत कुछ हासिल किया है, लेकिन आने वाले पच्चीस वर्षों में हमें और भी बड़े लक्ष्य तय करने होंगे –
ऐसा उत्तराखंड जहाँ पहाड़ का कोई युवा बेरोजगारी के कारण पलायन न करे।
जहाँ हर गाँव तक सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और इंटरनेट की सुविधाएँ पहुँचे।
जहाँ देवभूमि की पवित्रता और प्राकृतिक सौंदर्य को बचाते हुए विकास की राह आगे बढ़े।
ड्रीमर्स Edu Hub और पूरा ड्रीमर्स परिवार इस यात्रा में हर उत्तराखंडी के साथ खड़ा है –
शहीदों की याद, आंदोलकारियों के संघर्ष और युवाओं के सपनों को सलाम करते हुए।
9 नवंबर 2025 – उत्तराखंड राज्य स्थापना रजत जयंती की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ।
जय उत्तराखंड, जय हिंद!


























