भारत, अविश्वसनीय विविधताओं का देश है, जो राजसी बंगाल टाइगर से लेकर मायावी हिम तेंदुए (snow leopard) तक, वन्यजीवों की एक लुभावनी श्रृंखला का घर है। यह समृद्ध प्राकृतिक विरासत भारत में वन्यजीव संरक्षण (Wildlife Conservation in India) को न केवल एक लक्ष्य, बल्कि देश और दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण मिशन बनाती है। ऊंचे हिमालय की चोटियों से लेकर घने उष्णकटिबंधीय वर्षावनों और विशाल रेगिस्तानों तक फैली देश की विशाल भौगोलिक स्थितियां अनगिनत प्रजातियों को एक अनूठा आश्रय प्रदान करती हैं। इन विविध पारिस्थितिक तंत्रों की रक्षा करना यह सुनिश्चित करता है कि आने वाली पीढ़ियां प्रकृति की अछूती सुंदरता के चमत्कार को देख सकें।
भारत में वन्यजीव संरक्षण की यात्रा सदियों पहले शुरू हुई थी, जिसकी जड़ें प्राचीन परंपराओं में हैं जो जीवन के सभी रूपों का सम्मान करती थीं। हालांकि, हाल के दशकों में संरक्षित क्षेत्रों के एक मजबूत नेटवर्क की स्थापना के साथ इसने महत्वपूर्ण गति पकड़ी है। इन क्षेत्रों में राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभयारण्य, पक्षी अभयारण्य और बायोस्फीयर रिजर्व शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक जैव विविधता की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये क्षेत्र केवल जंगलों के चारों ओर बाड़ नहीं हैं; वे जीवित प्रयोगशालाएँ हैं जहाँ प्रकृति पनपती है और नाजुक संतुलन बनाए रखा जाता है, जिससे लुप्तप्राय प्रजातियों का अस्तित्व सुनिश्चित होता है।
भारत विश्व स्तर पर मेगा-डाइवर्स (अति-विविध) देशों में से एक के रूप में पहचाना जाता है।
देश का विविध भूगोल वनस्पति और जीव (flora and fauna) की एक विस्तृत श्रृंखला का समर्थन करता है।
पारिस्थितिक संतुलन के लिए भारत में वन्यजीव संरक्षण एक प्रमुख केंद्र है।
संरक्षित क्षेत्रों का एक नेटवर्क इन प्रयासों की रीढ़ बनता है।
1. भारत के राष्ट्रीय उद्यान (National Parks of India)
राष्ट्रीय उद्यान भारत में वन्यजीव संरक्षण के ताज के रत्न हैं। ये बड़े, सरकार द्वारा संरक्षित क्षेत्र हैं जिन्हें पूरे पारिस्थितिक तंत्र को संरक्षित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें इसके सभी पौधे, जानवर और भूवैज्ञानिक विशेषताएं शामिल हैं। इनकी प्राचीन स्थिति बनाए रखने के लिए उनकी सीमाओं के भीतर वानिकी, चराई और खेती जैसी मानवीय गतिविधियाँ सख्त वर्जित हैं। ये उद्यान देश की कुछ सबसे प्रतिष्ठित और लुप्तप्राय प्रजातियों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना प्रदान करते हैं। यहाँ मुख्य ध्यान पूर्ण संरक्षण और न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप पर होता है।
प्रतिष्ठित गंतव्य:
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (उत्तराखंड): जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, यह 1936 में स्थापित भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान है। यह अपने बंगाल टाइगर और विविध पक्षी जीवन के लिए प्रसिद्ध है।
काजीरंगा नेशनल पार्क (असम): एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, जो अपनी एक सींग वाले गैंडे की आबादी के लिए प्रसिद्ध है।
रणथंभौर नेशनल पार्क (राजस्थान): अपने शानदार बाघों के लिए जाना जाता है जिन्हें उनके प्राकृतिक आवास में आसानी से देखा जा सकता है।
गिर नेशनल पार्क (गुजरात): दुनिया में राजसी एशियाई शेरों का अंतिम निवास स्थान।
राष्ट्रीय उद्यानों की राज्यवार सूची
भारत में वर्तमान में 106 राष्ट्रीय उद्यान हैं। यह विस्तृत नेटवर्क भारत में वन्यजीव संरक्षण के प्रति राष्ट्र की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
| राज्य / केंद्र शासित प्रदेश | राष्ट्रीय उद्यानों की संख्या | प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान |
| अंडमान और निकोबार द्वीप समूह | 9 | कैंपबेल बे, महात्मा गांधी समुद्री, रानी झांसी समुद्री, सैडल पीक |
| आंध्र प्रदेश | 3 | पापीकोंडा, राजीव गांधी (रामेश्वरम), श्री वेंकटेश्वर |
| अरुणाचल प्रदेश | 2 | मौलिंग, नामदफा |
| असम | 7 | डिब्रू-सैखोवा, काजीरंगा, मानस, नमेरी, ओरंग, रायमोना, देहिंग पटकाई |
| बिहार | 1 | वाल्मीकि |
| छत्तीसगढ़ | 3 | इंद्रावती, कांगेर घाटी, गुरु घासीदास (संजय) |
| गोवा | 1 | मोलेम |
| गुजरात | 4 | ब्लैकबक (वेलावदर), गिर, समुद्री (कच्छ की खाड़ी), वंसदा |
| हरियाणा | 2 | कालेसर, सुल्तानपुर |
| हिमाचल प्रदेश | 5 | ग्रेट हिमालयन, इंदरकिला, खीरगंगा, पिन वैली, सिंबलबाड़ा |
| झारखंड | 1 | बेतला |
| कर्नाटक | 5 | अंशी (काली), बांदीपुर, बन्नेरघट्टा, कुद्रेमुख, नागरहोल (राजीव गांधी) |
| केरल | 6 | अनामुडी शोला, इरविकुलम, मथिकेट्टन शोला, पेरियार, पम्बादुम शोला, साइलेंट वैली |
| मध्य प्रदेश | 11 | बांधवगढ़, कान्हा, कूनो, माधव, मांडला प्लांट फॉसिल्स, पेंच, संजय, सतपुड़ा, वन विहार, पन्ना, डायनासोर फॉसिल्स |
| महाराष्ट्र | 6 | चंदोली, गुगामल, नवेगांव, पेंच (जवाहरलाल नेहरू), संजय गांधी (बोरीवली), ताडोबा अंधारी |
| मणिपुर | 1 | केबुल लामजाओ (तैरता हुआ उद्यान) |
| मेघालय | 2 | बलफक्रम, नोकरेक रिज |
| मिजोरम | 2 | मुरलेन, फावंगपुई ब्लू माउंटेन |
| नागालैंड | 1 | इटांकी |
| ओडिशा | 2 | भितरकनिका, सिमलीपाल |
| राजस्थान | 5 | मुकुंदरा हिल्स, डेजर्ट (मरुभूमि), केवलादेव घाना, रणथंभौर, सरिस्का |
| सिक्किम | 1 | कंचनजंगा |
| तमिलनाडु | 5 | गिंडी, मन्नार की खाड़ी समुद्री, इंदिरा गांधी (अनामलाई), मुदुमलाई, मुकुर्थी |
| तेलंगाना | 3 | कासु ब्रह्मानंद रेड्डी, महावीर हरिना वनस्थली, मृगवनी |
| त्रिपुरा | 2 | क्लाउडेड लेपर्ड, बाइसन (राजबाड़ी) |
| उत्तर प्रदेश | 1 | दुधवा |
| उत्तराखंड | 6 | कॉर्बेट, गंगोत्री, गोविंद, नंदा देवी, राजाजी, फूलों की घाटी |
| पश्चिम बंगाल | 6 | बक्सा, गोरुमारा, जलदापारा, नेओरा वैली, सिंगलीला, सुंदरबन |
| जम्मू और कश्मीर | 4 | दाचीगाम, किश्तवाड़, काजीनाग, सलीम अली (सिटी फॉरेस्ट) |
| लद्दाख | 1 | हेमिस (भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान) |
2. भारत के वन्यजीव अभयारण्य (Wildlife Sanctuaries of India)
वन्यजीव अभयारण्य भारत में वन्यजीव संरक्षण का एक और आधार स्तंभ हैं, जिन्हें एक परिभाषित भौगोलिक क्षेत्र के भीतर विशिष्ट प्रजातियों या जानवरों के समूह की रक्षा के लिए बनाया गया है। जहाँ राष्ट्रीय उद्यान पूरे पारिस्थितिक तंत्र पर ध्यान केंद्रित करते हैं, वहीं अभयारण्यों का दृष्टिकोण अक्सर अधिक लक्षित होता है। यहाँ पर्यटन और चराई जैसी कुछ मानवीय गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है, बशर्ते वे वन्यजीवों को नुकसान न पहुँचाएँ।
प्रतिष्ठित गंतव्य:
पेरियार वन्यजीव अभयारण्य (केरल): हाथियों और बाघों के लिए प्रसिद्ध।
राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य (MP/राजस्थान/UP): गंभीर रूप से लुप्तप्राय घड़ियाल और गंगा डॉल्फिन के संरक्षण के लिए समर्पित।
काराकोरम वन्यजीव अभयारण्य (लद्दाख): दुनिया के सबसे ऊंचे अभयारण्यों में से एक, जो हिम तेंदुए का घर है।
वन्यजीव अभयारण्यों की राज्यवार तालिका (प्रमुख उदाहरण)
भारत में 560 से अधिक वन्यजीव अभयारण्य हैं। यहाँ कुछ प्रमुख उदाहरण दिए गए हैं:
| राज्य / केंद्र शासित प्रदेश | प्रमुख वन्यजीव अभयारण्य | संरक्षित मुख्य प्रजातियाँ |
| आंध्र प्रदेश | कोरिंगा, कोलेरू, रोलापाडू | एस्टुअरीन मगरमच्छ, पेलिकन, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड |
| असम | आमचांग, चक्रशिला, पोबितोरा | हूलॉक गिब्बन, गोल्डन लंगूर, एक सींग वाला गैंडा |
| बिहार | गौतम बुद्ध, कैमूर, विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन | सुस्त भालू (Sloth Bear), मृग, गंगा डॉल्फिन |
| छत्तीसगढ़ | अचानकमार, बरनवापारा, उदंती सीता नदी | बाघ, जंगली भैंसा, तेंदुआ |
| गुजरात | बरडा, जेसोर सुस्त भालू, शूलपाणेश्वर | एशियाई शेर, सुस्त भालू, विभिन्न मृग |
| हिमाचल प्रदेश | चैल, मनाली, रेणुका | हिमालयी काला भालू, हिम तेंदुआ, सांभर |
| जम्मू और कश्मीर | गुलमर्ग, हीरापोरा, ओवेरा अरु | हिमालयी भूरा भालू, कस्तूरी मृग, तेंदुआ |
| कर्नाटक | भद्रा, बिलीगिरी रंगनाथ हिल्स, दांदेली-अंशी | बाघ, हाथी, गौर (भारतीय बाइसन) |
| केरल | इडुक्की, मुथंगा, नेय्यार | हाथी, बाघ, त्रावणकोर कछुआ |
| मध्य प्रदेश | बोरी, कूनो पालपुर, पचमढ़ी | बाघ, तेंदुआ, भेड़िया |
| महाराष्ट्र | भीमाशंकर, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड, राधानगरी | विशाल गिलहरी, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड, गौर |
| ओडिशा | भितरकनिका (मैंग्रोव), गहिरमाथा समुद्री | खारे पानी के मगरमच्छ, ओलिव रिडले कछुए |
| राजस्थान | माउंट आबू, रामगढ़ विषधारी, ताल छापर | सुस्त भालू, तेंदुआ, काला हिरण |
| तमिलनाडु | कलाक्कड़, मुदुमलाई, पॉइंट कैलिमेरे | नीलगिरी तहर, हाथी, काला हिरण |
| उत्तर प्रदेश | चंद्रप्रभा, हस्तिनापुर, कतरनियाघाट | तेंदुआ, दलदली हिरण (बारहसिंगा), घड़ियाल |
| उत्तराखंड | असकोट कस्तूरी मृग, गोविंद पशु विहार, केदारनाथ | कस्तूरी मृग, हिम तेंदुआ, हिमालयी मोनल |
| पश्चिम बंगाल | बक्सा टाइगर रिजर्व, लोथियन द्वीप, सुंदरबन | बाघ, एस्टुअरीन मगरमच्छ, पक्षी |
| लद्दाख | चांगथांग | हिम तेंदुआ, तिब्बती जंगली गधा (कियांग), काली गर्दन वाला सारस |
3. भारत के पक्षी अभयारण्य (Bird Sanctuaries of India)
भारत के विविध पारिस्थितिक तंत्र पक्षियों की शानदार विविधता के लिए आदर्श आवास प्रदान करते हैं। पक्षी अभयारण्य विशेष रूप से निवासी और प्रवासी पक्षी प्रजातियों के संरक्षण पर केंद्रित क्षेत्र हैं। ये भारत में वन्यजीव संरक्षण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, विशेष रूप से उन हजारों पक्षियों के प्रजनन और भोजन स्थलों को संरक्षित करने के लिए जो महाद्वीपों की यात्रा करके यहाँ आते हैं।
प्रतिष्ठित गंतव्य:
केवलादेव घाना पक्षी अभयारण्य (राजस्थान): यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, जो साइबेरियन क्रेन के लिए प्रसिद्ध था।
चिल्का झील पक्षी अभयारण्य (ओडिशा): एशिया का सबसे बड़ा खारे पानी का लैगून, सर्दियों के दौरान प्रवासी पक्षियों का स्वर्ग।
सलीम अली पक्षी अभयारण्य (गोवा): मैंग्रोव आवास में स्थित पक्षियों का प्रमुख स्थान।
| राज्य | प्रमुख पक्षी अभयारण्य | मुख्य पक्षी प्रजातियाँ / आवास का प्रकार |
| आंध्र प्रदेश | अटापाका, पुलीकट झील, नेलापट्टू | पेलिकन, फ्लेमिंगो (राजहंस), स्टॉर्क (सारस) |
| असम | दीपोर बील, पानीदिहिंग | प्रवासी जलपक्षी, एडजुटेंट स्टॉर्क |
| बिहार | कंवर झील, कुशेश्वर स्थान | स्थानीय और प्रवासी जलीय पक्षी |
| गुजरात | नल सरोवर, पोरबंदर, थोल झील | फ्लेमिंगो, पेलिकन, सारस, बतख |
| कर्नाटक | गुडावी, मंडगाड्डे, रंगनथिट्टू | पेंटेड स्टॉर्क, स्पूनबिल, बगुले (Herons) |
| केरल | कडलुंडी, कुमारकोम, थट्टेकाड | जलपक्षी, किंगफिशर, जलकाक (Cormorants) |
| महाराष्ट्र | ग्रेट इंडियन बस्टर्ड, मयानी, करनाल | बस्टर्ड, फ्लेमिंगो, शिकारी पक्षी (Raptors) |
| ओडिशा | चिल्का झील, नलबान | फ्लेमिंगो, कलहंस (Geese), बतख, जलचर पक्षी |
| राजस्थान | केवलादेव घाना, सांभर झील | साइबेरियन क्रेन, जलपक्षी, वेडर्स |
| तमिलनाडु | कूथकुलम, वेदांतंगल, वेट्टांगुडी | पेलिकन, आइबिस, एग्रेट्स, स्टॉर्क |
| उत्तर प्रदेश | ओखला, पटना, समान | प्रवासी बतख, कलहंस (Geese), सारस |
| पश्चिम बंगाल | रायगंज (कुलिक), चिंतामणि कर | ओपन-बिल्ड स्टॉर्क, बगुले, किंगफिशर |
4. भारत के बायोस्फीयर रिजर्व (Biosphere Reserves of India)
बायोस्फीयर रिजर्व भारत में वन्यजीव संरक्षण के उच्चतम स्तर का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो प्राकृतिक और सांस्कृतिक संरक्षण दोनों को एकीकृत करते हैं। इन्हें यूनेस्को (UNESCO) के ‘मैन एंड द बायोस्फीयर’ (MAB) कार्यक्रम के तहत नामित किया गया है। इनमें तीन क्षेत्र होते हैं: कोर ज़ोन (सख्त संरक्षित), बफर ज़ोन और ट्रांजिशन ज़ोन (सतत मानवीय गतिविधियाँ)।
भारत के 18 बायोस्फीयर रिजर्व की सूची
| क्रम | बायोस्फीयर रिजर्व का नाम | कवर किए गए राज्य / केंद्र शासित प्रदेश | प्रमुख पारिस्थितिक तंत्र का प्रकार | यूनेस्को (UNESCO) MAB स्थिति |
| 1 | नीलगिरी | तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक | पश्चिमी घाट (वन, पहाड़) | हाँ (भारत में पहला) |
| 2 | नंदा देवी | उत्तराखंड | पश्चिमी हिमालय (उच्च ऊंचाई वाले पर्वत) | हाँ |
| 3 | नोकरेक | मेघालय | पूर्वी हिमालय (उप-उष्णकटिबंधीय वन) | हाँ |
| 4 | ग्रेट निकोबार | अंडमान और निकोबार द्वीप समूह | द्वीप, तटीय, उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन | हाँ |
| 5 | मन्नार की खाड़ी | तमिलनाडु | तटीय, समुद्री (मूंगा चट्टानें, समुद्री घास) | हाँ |
| 6 | मानस | असम | पूर्वी हिमालय (उष्णकटिबंधीय वन, घास के मैदान) | हाँ |
| 7 | सुंदरबन | पश्चिम बंगाल | गंगा डेल्टा, मैंग्रोव वन | हाँ |
| 8 | सिमलीपाल | ओडिशा | दक्कन प्रायद्वीप (उष्णकटिबंधीय नम पर्णपाती वन) | हाँ |
| 9 | पंचमढ़ी | मध्य प्रदेश | अर्ध-शुष्क, पहाड़ियाँ (मध्य उच्च भूमि) | हाँ |
| 10 | अचानकमार-अमरकंटक | छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश | मैकल पहाड़ियाँ (पर्णपाती वन) | हाँ |
| 11 | कच्छ का महान रण | गुजरात | रेगिस्तान, मौसमी खारा वेटलैंड | नहीं |
| 12 | शीत मरुस्थल (Cold Desert) | हिमाचल प्रदेश | पश्चिमी हिमालय (अल्पाइन, शुष्क ठंडा क्षेत्र) | नहीं |
| 13 | शेषचलम पहाड़ियाँ | आंध्र प्रदेश | पूर्वी घाट (उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन) | नहीं |
| 14 | अगस्त्यमलाई | केरल, तमिलनाडु | पश्चिमी घाट (उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन) | हाँ |
| 15 | कंचनजंगा | सिक्किम | पूर्वी हिमालय (अल्पाइन, उप-अल्पाइन वन) | हाँ |
| 16 | पन्ना | मध्य प्रदेश | उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन | हाँ |
| 17 | डिब्रू-सैखोवा | असम | ब्रह्मपुत्र घाटी (नदी के किनारे के वन, वेटलैंड) | नहीं |
| 18 | खंगचेंदज़ोंगा (सिक्किम) | सिक्किम | उच्च ऊंचाई वाले पहाड़ | हाँ |
दून डिफेंस ड्रीमर्स में भारत में वन्यजीव संरक्षण: एक महत्वपूर्ण विषय
भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होने का लक्ष्य रखने वाले छात्रों के लिए, देश के भूगोल और पारिस्थितिक संपदा को समझना उनकी तैयारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। दून डिफेंस ड्रीमर्स (Doon Defence Dreamers), जिसे देहरादून में सर्वश्रेष्ठ NDA कोचिंग (best NDA coaching in Dehradun) के रूप में जाना जाता है, यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक कैडेट भारत में वन्यजीव संरक्षण की जटिलताओं को समझे। चूंकि NDA और CDS परीक्षाओं के लिए UPSC पाठ्यक्रम पर्यावरण भूगोल पर भारी जोर देता है, इसलिए अकादमी राष्ट्रीय उद्यानों और बायोस्फीयर रिजर्व पर विशेष व्याख्यान प्रदान करती है।
अकादमी की हाल के वर्षों की कुछ उल्लेखनीय उपलब्धियां नीचे दी गई हैं:
ऐतिहासिक चयन रिकॉर्ड: अकादमी ने हाल ही में NDA/NA (II) 2025 परीक्षा में 710+ से अधिक लिखित चयन का जश्न मनाया।
अधिकारी निर्माण: पिछले दो वर्षों में, 752 से अधिक उम्मीदवारों को सफल सैन्य अधिकारी बनने के लिए मार्गदर्शन दिया गया है।
SSB में महारत: NDA 155 बैच के लिए एक ही महीने के भीतर रिकॉर्ड 35 SSB सिफारिशें हासिल कीं।
वैश्विक मान्यता: रक्षा शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए शंघाई, चीन में जागरण अचीवर अवार्ड 2025 से सम्मानित।
अग्रणी तकनीक: छात्रों के प्रदर्शन को ट्रैक करने के लिए AI-पावर्ड टूल्स का उपयोग करने वाली भारत की पहली रक्षा अकादमी।
महिला सशक्तिकरण: एक ही दिन में 6 महिला उम्मीदवारों की SSB सिफारिश कराकर इतिहास रचा।


























